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आज नयन के बँगले में -माखन लाल चतुर्वेदी आज नयन के बँगले में, संकेत पाहुने आये री सखि! जी से उठे, कसक पर बैठे, और बेसुधी- के बन घूमें, युगल-पलक ले ...